हरियाणा आदिकाल से साहित्य व कला से परिपूर्ण रहा है|यही वह पावन धरा है ,जहां ऋषि-मुनियों ने वेदों की रचना की|भगवान श्री क्रष्ण ने गीता का उपदेश इसी धरा से दिया,जिसने दुनिया को कर्म के मार्ग का अहसास करवाया|यह भूमि सदा साहित्य व संस्कृति के विद्वानों की जननी रही है|हरियाणा की धरती हमेशा से ही सांस्कृतिक रूप से उर्वरा रही है|जहां नेक साहित्यकारों एवम संगीतकारों ने जन्म लिया और हरियाणे की अपनी लोक संस्कृति को समृद्ध करते रहे हैं|इन्ही महा कवियों में से हुएं हैं हरियाणा के "कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम सांगी",जिन्होंने हरयाणवी में अनेक लोक प्रिय सांग रचे तथा उन्हें लोक मानस के लिए मंचित भी किया|उनकी रचनाएँ जो आज भी जन मानस के बीच अपनी पहचान रखती हैं|उन्होंने अपने गुरु के नाम को भी सूर्य की भांति चमकाया| ANUP LATHAR, KUK UNIVERSITY,HARYANA
Sahil Kaushik,
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