Friday 10 August 2012

Kavi Shiromani Pandit Mange Ram Sangi

कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम सांगी जी ने क्रष्ण-सुदामा का सांग बनाया था|उसमे जब सुदामा श्री क्रष्ण जी के pa
स पहुचते है तो श्री क्रष्ण जी उनके पैर धोते हैं और उनकी पूरी सेवा करते हैं ये सब देख कर रुक्मण जी को गुस्सा आ जाता है तो वो उन्हें गुस्से में कहती है कि-
बीर चलत्र सुन रखे तू मर्द चलत्र के जाणे|
यादुवंश की कोण असल तू सब का पेटा भर जाणे||टेक||

इक्कीस जन्म ते मैं देखू तू धोखेबाज सदा का सै|
किते नाच दिखादे किते मंगता बण जा बेलेहाज सदा का सै|
कदे जंगल म्ह,कदे पाहाड म्ह तू बेराज सदा का सै|
कदे लटा बधा कदे चंदे बाँध ले बेताज सदा का सै|
कदे जागता,कदे सोवत,कदे जीवे कदे मर जाणे||१||
यादुवंश की कोण असल तू सब का पेटा भर जाणे||टेक||

कच्छ बण जा कदे मच्छ बण जा जात जमात तेरे कोन्या|
भृगु आली बात झूठ  सै लागी लात तेरे कोन्या|
निराकार तू सब म्ह रमरया इन्द्री गात तेरे कोन्या|
कदे पेड़ म्ह कदे फूल म्ह डाहली पात तेरे कोन्या|
कदे नाभ म्ह कदे कवँल म्ह कदे डुबे कदे तिर जाणे||२||
यादुवंश की कोण असल तू सब का पेटा भर जाणे||टेक||

सुपने कैसे खेल तेरा इतबार करनीया डूबेंगे|
सारी दुनिया पागल होरी प्यार करनीया डूबेंगे|
तू ले के देना,दे के लेना,व्यवहार करनीया डूबेंगे|
जाके उल्टा आवे कोन्या इंतज़ार करनीया डूबेंगे|
तू शक्ल बदल के आँख बदल ज्या हो करले कदे फिर जाणे||३||
यादुवंश की कोण असल तू सब का पेटा भर जाणे||टेक||

मांगेराम कड़े लग रोऊ तू रुक्मण का ना राधे का|
सुतभामा भी रोये जा सै तू टोटे का ना फायेदे का|
जामवती भी फिरे रोवति तने पता नही गुण काएदे का|
तू किते का भी कोन्या बैरी के लाड करु शहजादे का|
दिलदार बने कदे धोरे आवे कड़े भाजे कदे घिर जाणे का||४||
यादुवंश की कोण असल तू सब का पेटा भर जाणे||टेक||


लेखक-कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम सांगी पाँची वाले|

साहिल कौशिक,
मोबाइल-+919813610612
email-sahilkshk6@gmail.com




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