Saturday 11 August 2012

Kavi Shiromani Pandit Mange Ram Sangi


कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम ने सांगो को एक नया मोड़ दिया|पंडित जी ने लोक-नाट्य(सांग)परम्परा को अश्लीलता की दलदल से निकाल कर, उसको लोक भावना के अनुरूप बनाया|उनके सांगो को बाप और बेटी इकट्ठे बैठ कर सुन सकते हैं|उनके सांगो की मूल भावना सामाजिक,धार्मिक,भक्ति एवम ज्ञान की रही है|                                                       
                                       पंडित मांगे राम हरियाणवी ग्रन्थावली(रघबीर सिंह मथाना)(c)
पंडित मांगे राम जी के एक छन्द में कहा भी है---
ध्रुव भगत और क्रष्ण जन्म के ओटे कोण निशाने ने|
बाप और बेटी सुणो बैठ के पटगी जाण जमाने ने|
मांगेराम ज्ञान लुट ग्या तेरी खुली पड़ी किवाड़ी||(c)




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