Saturday 14 April 2012

Pandit Mange Ram Sangi

पंडित मांगे राम जी का जन्म सोनीपत जिले के गाँव सिसाना(जो पहले रोहतक जिले में आता था) में हुआ था!इनके पिता जी का नाम अमरसिंह था और इनकी माता जी का नाम धर्मो देवी था!अमरसिंह जी के घर में ७ सन्तान पैदा हुई!जिनमे से सबसे बड़े पंडित मांगे राम जी,टीका राम,हुक्म चन्द(थानेदार),चन्दरभान(लोक सम्पर्क विभाग),राम चन्द्र(वकील तथा ऍम.पी.),गोधा,चन्द्रपति!
पंडित अमरसिंह जी के पास ८० बीघा जमीन थी!उस समय ईसा की बींसवी सदी का लगभग आरम्भ ही था जब हरियाणा की भूमि पर पंडित मांगे राम जी का जन्म हुआ!जिस बालक के जन्म के समय चंद्रमा सिंह राशि  पर हो उसकी जन्म से ही ऊँची कल्पना शक्ति होती है और ऐसा बालक पिता के घर में अधिक समय तक नही रह पाता!पंडित मांगे राम जी भी पिता के घर में अधिक समय नही रह पाता!पान्ची ग्रामनिवासी पंडित उध्मीराम पंडित मांगे राम जी के नाना थे,परन्तु देव योग से पुत्रहीन   थे!
सोअपी जामान्त्र्म प्राह दोहित्र' ख्लुय्च्माम,
येन मे सम्पदा भूमि: पात्र्मेतु न नश्यतु!
वह अपने जामाता अमरसिंह से बोले मेरे इस दोहित्रः को मुझे दे दो जिससे मेरी पर्याप्त सम्पति और भूमि पात्र को मिले यूँ ही नही  बर्बाद न हो!
पंडित अमर सिंह ने भी अपने ससुर की बात सुनकर पंडित मांगे राम जी को गोद से उतारकर उन्हें गोद दे दिया!
पिता,माता, बहनों और छोटे भाइयो को त्यागकर पंडित मांगे राम जी अपने नाना के घर आ गये!
पंडित मांगे राम जी को उनके नाना  अपना दतक पुत्र बनाकर पान्ची गाँव में ले आये!पंडित उध्मीराम अपनी पत्नी सहित शरीरमात्र से लाये गये उस बालक को मन से भी लाने का भरसक प्रयत्न करने लगे!
भवन्ति प्रयाशो बाला: सदेव मधुर प्रिया:,
इति मत्वा सुभोज्यानी तस्मे प्रदुर्मुदानिवता:
बालक प्राय: मीठे के प्रेमी होते हैं ऐसा मानकर इनके नाना नानी बालक को खुश होकर सुंदर भोज्य पदार्थ देते थे!कभी चूरमा,कभी घी शक्कर तो कभी प्रात: काल रोटी और भरपूर मक्खन देते!घर में कोई भी कमी नही थी!लड्डू और खोया के पदार्थ बिना किसी त्यौहार के भी खीर,पूड़े दिए जाते थे!नये नये कपड़े,अंग्रेजी जूते,मुख से बजने वाले अनेक वाध और अनेक सुंदर खिलोने दिए जाते!अब पंडित मांगे राम जी उस अवस्था को अपना भाग्य मान कर धीरे धीरे पान्ची के बालको के साथ रम गया!६ साल का होने पर पंडित मांगे राम जी का विधालय में दाखिला करवा दिया गया परन्तु पंडित मांगे राम जी को रटना, लिखते रहना बिलकुल भी पसंद नही था!इसीलिए उन्होंने विद्यालय जाना छोड़ दिया !अब पंडित मांगे राम जी अपने नाना जी के संग खेतो में काम करवाने के साथ संगीत में रूचि लेने लगे थे!इनकी पहली शादी १८ साल की आयु में रोहतक जिले के गाँव खरहर में रामेति देवी के साथ हुई!समय के अनुसार रामेति देवी ने १ लडके को जन्म दिया!गाँव में खुशी का माहोल बन गया था और सभी घरो में मिठाई बाटी गयी!इस लडके का नाम रामेशर रखा गया!परन्तु इस लडके की ८ महीने बाद  म्रत्यु हो गयी!अब रामेति देवी ने २ कन्याओ को जन्म दिया!बड़ी लडकी का नाम कृष्णा और छोटी लडकी का नाम फूलवती रखा गया!पंडित मांगे राम जी की जन्मपत्री में भी लिखा हुआ था की-इनकी २ शादी होगी!पंडित मांगे राम जी की दूसरी शादी ४० वर्ष की आयु में जिला झज्जर में मदनपुर केहड़ी में हुई!इनकी दूसरी पत्नी का नाम पिस्तो देवी था!इस पत्नी से इन्हें ९ बच्चे प्राप्त हुए परन्तु इनकी पहली लडकी जिनका नाम शीला रखा था उसकी भी ९ महीने बाद म्रत्यु हो गयी!अब इस पत्नी से इन्हें ८ बच्चे प्राप्त हुए जिनके नाम इस प्रकार हैं-नव्रत्तन,२.ओम प्रकाश,३.सुकन्या४.कमलेश५.इन्द्रावती६.मुकेश(मौसम)७.सुभाष८.राजेश(राजू)
इस प्रकार उनकी वंश बेल चली थी!
इस ब्लोग्स में केवल इतना ही बताया जाएगा और आशा करता हूँ की गलती होने पर सुझाव दिया जाएगा इसीलिए मैं  अपना ये मोबाइल नंबर दे रहा हूँ!
साहिल कौशिक-+919813610612
धन्यवाद