शिरोमणि कवि पंडित मांगेराम जी द्वारा रचित सांग "भगत सिंह"में से ये रागनी ली गयी है !
जब भगत सिंह जेल के अंदर होता है और उसकी माँ उससे मिलने आती है और अपने बेटे का होंसला बढ़ाती है कि तेरे जैसी कोई भी इस दुनिया में सन्तान पैदा नही कर सकता!बेटा तुने तो इतना महान काम किया है कि सारी जगह इस भारत में तेरी प्रशंसा सुनूंगी तो अपने बेटे को होंश्ला बढ़ाती हुए क्या कहती-अरे 100-100 पड़े मुसीबत बेटा मर्द जवान में,भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेकहिन्द्वासी ढंग नया करेंगे,बड़ाई तेरी करया करेंगे,
मन्ने शेर की माँ कय्हा करेंगे हिंदुस्तान म्ह!!१!!
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान म्ह !!टेक!!
सारे के तेरे गीत सुनुगी,कदे ना कदे तेरी माँ जरूर बनूंगी,अगले जन्म में फेर ज्णुगी इसी संतान ने!!२!!भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान म्ह !!टेक!!
इसा एक घोरक धन्धा बण दे,किला एक आजादी का चीण दे,तेरे कैसा पूत जण दे इसी कोण जिहान म्ह !!३!!
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान म्ह !!टेक!!
मन्ने शेर की माँ कय्हा करेंगे हिंदुस्तान म्ह!!१!!
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान म्ह !!टेक!!
इसा एक घोरक धन्धा बण दे,किला एक आजादी का चीण दे,तेरे कैसा पूत जण दे इसी कोण जिहान म्ह !!३!!
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