Thursday 12 July 2012

Kavi Siromani Pandit Mange Ram Sangi


कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम जी ने देश के जवानों में जोश लाने के लिए अनेक सांग और रागनियाँ बनाई जिनमे से भगत सिंह के सांग में से एक रागनी उस समय की जब भगत सिंह की माँ उसे जेल में मिलने जाती है और अपने बेटे का होसला बड़ाने  के लिए क्या कहती है और कवि ने लिख दिया-
अरे 100-100 पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान में,
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक

1.हिन्द्वासी ढंग नया करेंगे,
   बड़ाई तेरी करया करेंगे,
   म्ने शेर की माँ कय्हा करेंगे हिंदुस्तान में,


भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक
अरे 100-100 पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान में,
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक
                                                                                    भगत सिंह जी की माता विद्यावती
2.सारे के तेरे गीत सुनुगी,
   कदे ना कदे तेरी माँ जरूर बनूंगी,
   अगले जन्म में फेर ज्णुगी इसी संतान ने,



भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक


अरे 100-100 पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान में,
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक


3.इसा एक घोरक धन्धा बण दे,
  किला एक आजादी का चीण दे,
  तेरे कैसा पूत जण दे इसी कोण  जिहान में,



भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक

अरे 100-100 पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान में,
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक


4.मांगे राम गुरु का शरणा,
   मर के  नाम जगत में करणा,
   एक दिन होगा सब ने मरणा सूर्ति ला भगवान में,



अरे 100-100 पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान में,
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक



अरे 100-100 पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान में,
भगत सिंह कदे जी घभरा ज्या बंद मकान में!-टेक

लेखक -कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम जी पाण्ची वाले



साहिल कौशिक,
इमेल-sahilkshk6@gmail.com
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