Friday 20 July 2012

Kavi Siromani Pandit Mange Ram Sangi

कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम सांगी एक कवि के साथ साथ देश भक्त भी थे।उन्होंने पदे पदे अपने प्यारे भारत की महिमा का गुणगान किया है।देश भक्तो के प्रति उनके ह्रदय में असीम श्रद्धा थी।इसका प्रमाण उनके द्वारा रचित संगीत वीर हकीकत राय और भगत सिंह हैं तथा सैंकड़ो की संख्या में उनकी छुट-पुट रचनाएं देश भक्ति की भावनाओ से ओत-प्रोत हैं।देश को समप्रित वीरो का इन्होने दिल खोलकर गुणगान किया है।पंडित जवाहरलाल नेहरु का शब्द चित्रण देखिये-
राम कहू घनश्याम कहू मैं नेहरु कहू जवाहर तने।
भारत की नैया डोले थी कर दी परले पार तने।।टेक ।।

सब से ऊँचा पद मिलग्या ऋषि-मुनियों की मिली सेज तने।
आजादी के पत्र लिख लिख सब जगह दिए भेज तने।
गाँधी का सुदर्शन चक्र खूब चलाया तेज तने।
अपनी ताकत चतराई से काड दिए अंग्रेज तने।
भारत का बच्चा बच्चा यु मान रहया अवतार तने।।1।।


भारत की नैया डोले थी कर दी परले पार तने।।टेक ।।


भारत की सब कोम जगा दी ज़ोण सी जाति सोवे थी।
तेरी बाता का पता चल्या ना सारी यूरोप ठोह्वे  थी।
तेरा इलाहबाद में जन्म होया,पैरिस कपड़े धोवे  थी।
भारत माता तेरे फिकर मे बैठ एकली रोवे थी।
मोतीलाल के जवाहरलाल धन धन वीर जवाहर तने।।2।।

भारत की नैया डोले थी कर दी परले पार तने।।टेक ।।
मोतीलाल के वीर लाडले तू कृष्ण से भी कम कोन्या।
शांति का हथियार चलाया ऐसा अट्म बम कोन्या।
600 रियासत एक बण दी किसे ने काड्या दम कोन्या।
अंग्रेजा ते न्यू कहदी-के हम कोन्या के तम कोन्या।
लाल किले पे फेर लहरा दिया झंडा चक्रदार तने।।3।।

भारत की नैया डोले थी कर दी परले पार तने।।टेक ।।


गंगा-जमना त्रीवणी पहाड़-समुद्र तने।
कीड़ी-हाथी.सिंह और बकरी,कुता बन्दर एक तने।
गिरजाघर और गुरूद्वारे,मस्जिद-मंदिर एक तने।
ब्राहमण-बणिये,जाट-ईसाई,शेख-कलंदर एक तने।
मांगेराम कह शोर माच गया इसा करया प्रचार तने।।4।।


राम कहू घनश्याम कहू मैं नेहरु कहू जवाहर तने।
भारत की नैया डोले थी कर दी परले पार तने।।टेक ।।


लेखक-कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम साँगी पान्ची वाले


साहिल कौशिक,
मोबाइल-+919813610612

ईमेल-sahilkshk6@gmail.com

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