15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ।इस आजादी में भारत माता के अनगणित सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी।उन शहीदों को कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम ने अपनी रचनाओ में श्रद्धा-सुमन अर्पित किये हैं।शहीदों के बलिदान की साथर्कता को अंजाम तक पहुचाने वाले महापुरुषो का,प्रतीक टोपी रूप में इस प्रकार उल्लेख किया हुआ है-
महात्मा की आत्मा ने आजादी दिला दई।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
अमरीका ने टोपी अटम बम्ब दिखाई दे सै।
योरूप ने या टोपी कोन्या कम दिखाई दे सै।
एशिया ने टोपी रोकी दम दिखाई दे सै।
अफ्रीका ने टोपी खावे गम दिखाई दे सै।
भई,इस टोपी ने भारत की जड़ चोवे ला दई।।1।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
जब टोपी जर्मन म्ह पहुची हिटलर गेल्या प्रचार करया।
जब टोपी जापान म्ह पहुची बड़ा टेडा प्रचार करया।
जब टोपी सिंगापूर पहुची एक मसोदा त्यार करया।
जब टोपी इम्फाल पहुची दिल्ली का इंतज़ार करया।
भई,इस टोपी ने चीन म्ह जा के सच्ची सलाह दई।।2।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
इस टोपी ने छ:सो रियासत ठयोड़ ठिकाणे ला दी।
इस टोपी ने जागीरदारी बहामे-दहने ला दी।
इस टोपी ने छतीस जाती पांत-सिरहाने ला दी।
इस टोपी ने एक नहर भाखड़ा शहर टोहाणे ला दी।
भई,इस टोपी ने सतलुज-यमुना कट्ठी मिला दई।।3।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
इस टोपी ने साठ साल अंग्रेज भजा के मारया।
इस टोपी ने अब्दुला कर हेज भजा के मारया।
इस टोपी ने मिस्टर चर्चिल तेज भजा के मारया।
कहे मांगेराम खोस कुर्सी सुंध्या मेज भजा के मारया।
भई,इस टोपी ने सारी दुनिया काटे तुला दई।।4।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।
महात्मा की आत्मा ने आजादी दिला दई।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
लेखक-कवि शिरोमणि पंडित मांगेराम पाण्ची वाले।
साहिल कौशिक,
मोब-+919813610612
ईमेल-sahilkshk6@gmail.com
महात्मा की आत्मा ने आजादी दिला दई।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
अमरीका ने टोपी अटम बम्ब दिखाई दे सै।
योरूप ने या टोपी कोन्या कम दिखाई दे सै।
एशिया ने टोपी रोकी दम दिखाई दे सै।
अफ्रीका ने टोपी खावे गम दिखाई दे सै।
भई,इस टोपी ने भारत की जड़ चोवे ला दई।।1।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
जब टोपी जर्मन म्ह पहुची हिटलर गेल्या प्रचार करया।
जब टोपी जापान म्ह पहुची बड़ा टेडा प्रचार करया।
जब टोपी सिंगापूर पहुची एक मसोदा त्यार करया।
जब टोपी इम्फाल पहुची दिल्ली का इंतज़ार करया।
भई,इस टोपी ने चीन म्ह जा के सच्ची सलाह दई।।2।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
इस टोपी ने छ:सो रियासत ठयोड़ ठिकाणे ला दी।
इस टोपी ने जागीरदारी बहामे-दहने ला दी।
इस टोपी ने छतीस जाती पांत-सिरहाने ला दी।
इस टोपी ने एक नहर भाखड़ा शहर टोहाणे ला दी।
भई,इस टोपी ने सतलुज-यमुना कट्ठी मिला दई।।3।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
इस टोपी ने साठ साल अंग्रेज भजा के मारया।
इस टोपी ने अब्दुला कर हेज भजा के मारया।
इस टोपी ने मिस्टर चर्चिल तेज भजा के मारया।
कहे मांगेराम खोस कुर्सी सुंध्या मेज भजा के मारया।
भई,इस टोपी ने सारी दुनिया काटे तुला दई।।4।।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।
महात्मा की आत्मा ने आजादी दिला दई।
टोप चले टोपी आगयी दुनिया हिला दई।।टेक।।
लेखक-कवि शिरोमणि पंडित मांगेराम पाण्ची वाले।
साहिल कौशिक,
मोब-+919813610612
ईमेल-sahilkshk6@gmail.com
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