Tuesday 24 July 2012

Kavi Siromani Pandit Mange Ram Sangi

जब अंग्रेजो को देशभक्तों ने अंग्रेजों को देश से भगा दिया तो उन्होंने जाते जाते भी हिन्दू -मुसलमानों के बीच फूट डाल दी जिसे हरयाणवी भाषा में मारकाट कहते हैं।भारत और पाकिस्तान के विभाजन का दिल को हिला देने वाला मार्मिक चित्रण कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम सांगी ने अपने शब्दों में किया हुआ है-
जमाने आया अपरम्पार।
इधर-उधर के फिरे भागते कर के हा-हाकार।।टेक।।

भाई जी को छोड़ भाई भाग भाग जाने लगे।
मोटर-रेल तांगे बग्गी गाडियों में आने लगे।
भूखे मरते घास पते तोड़ तोड़ खाने लगे।
बाप कहीं,बेटा कहीं,बेटियों का बेरा नही।
सिर के उपर गोली चालें लूख्णे को अँधेरा नही।
गुंडों ने मचाई लुट गोरमेंट का घेरा नही।
फेर घबरा गयी सरकार।।1।।
इधर-उधर के फिरे भागते कर के हा-हाकार।।टेक।।

आपस के म्ह कटते मरते हिन्दू मुसलमान देखे।
इंडिया में आये और जाते  पाकिस्तान देखे।
कच्चे और पक्के हम ने फूकते मकान देखे।
चोकीदार,लम्बरदार,ठोलेदार मारे गये।
जैलदार,होलदार,सूबेदार मारे गये।
तहसीलदार,जमादार,थानेदार मारे गये।
फेर खोस लिए हथियार।।2।।
इधर-उधर के फिरे भागते कर के हा-हाकार।।टेक।।

मुसलमान मिलट्री ने हिन्दुओ को सूट किया।
रेडियो,अखबार ने प्रोपगंडा झूठ किया।
गदारो ने मिल कै रोला जग में चारो खुट किया।
कारखाने,मिल बंद साहूकार खोया गया।
बोई-बाही धरती रहगी जमीदार खोया गया।
न्यारे न्यारे होग्ये भाईचारा खोया गया।
ये देखे खड़े नर-नार।।3।।
इधर-उधर के फिरे भागते कर के हा-हाकार।।टेक।।

सरगोधा और शेखपुरा पहले झगड़ा लाहोर होया।
मियांआली,रावलपिंडी,जेहलम के म्ह शोर होया।
अमृतसर-लुधिआना फेर हरियाणे में जोर होया।
गोरखा-बिलोच फोज लाहोर के म्ह खूब लड़ी।
पटड़ी और प्लेट फार्म स्टेशन पे लाश पड़ी।
मांगेराम देख रह्या गोली चाली चार घड़ी।
फेर एक दम फिर ग्या तार।।4।।

इधर-उधर के फिरे भागते कर के हा-हाकार।।टेक।।
जमाने आया अपरम्पार।
इधर-उधर के फिरे भागते कर के हा-हाकार।।टेक।।

लेखक-कवि शिरोमणि पंडित मांगेराम पाण्ची वाले।


साहिल कौशिक,
मोब-+919813610612
ईमेल-sahilkshk6@gmail.com

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