कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम जी ने शिव जी का ब्याह का सांग बनाया था जिसमे पार्वती जी के बचपन से लेकर विवाह तक का विवरण किया हुआ है तो मैं उनके सांग में से 1 रागनी लिख रहा हूँ!बात उस समय की जब ब्राह्मण और नाई शिव जी के पास पार्वती जी का रिश्ता लेके पहुचते हैं तो शिव जी उन्हें क्या कहते हैं-
वा राजा की राज दुलारी मैं सिर्फ लंगोटे आला सूं,
भांग रगड़ के पिया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं-टेक
1.उड़े 100-100 दासी टहल करे आड़े 1 भी दासी दास नही,
वा शाल दुशाले ओढ्न आली मेरे काम्बल तक पास भी पास नही,
क्या के सहारे जी लावेगी आड़े शतरंज चोपड़ तास नही,
वा बागां की कोयल सै आड़े बर्फ पड़े हरी घास नही,
मेरा एक कमंडल एक कटोरा मैं फूटे लोटे आला सूं,,
भांग रगड़ के पिया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं-टेक
2.वा पालकिया में सैर करे मैं बिना सवारी रहया करूं,
100-100 माल उढावन आली मैं पेट पुजारी रहया करूं,
उसने घर बर जर चाहिए मैं सदा फरारी रहया करूं,
लगा समाधि तुरिया पद की अटल अटारी रहया करूं,
वा साहूकार की बेटी से मैं निर्धन टोटे आला सूं,,,
भांग रगड़ के पिया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं-टेक
वा साहूकार की बेटी से मैं निर्धन टोटे आला सूं,,,
भांग रगड़ के पिया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं-टेक
3.100-100 सर्प पड़े रैं गल में नाग देख क डर ज्यागी,
पंच धुणा में तप करया करूं आग देख क डर ज्यागी,
राख घोल के पीया करूं मेरा भाग देख क डर ज्यागी,
मैं अवधूत दर्शनी बाबा मेरा राग देख क डर ज्यागी,
उसने जुल्फां आला ब्न्न्ड़ा चहिये मैं लांबे चोटे आला सूं,
भांग रगड़ के पिया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं-टेक
4.किसे राजा संग शादी कर दो इसा मेल मिलाणा ठीक नही,
जिसकी दोनू धार हो पैनी इसा सैल चलाणा ठीक नही,
सुल्फा गाँजा पीया करूं तेल पिलाणा ठीक नही,
जुणसा खेल खिलाणा चाहो इसा खेल खिलाणा ठीक नही,
कहे मांगे राम वा बोझ मरेगी मैं जभर बरोटे आला सूं,,,,,,,,,,,
भांग रगड़ के पिया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं-टेक
वा राजा की राज दुलारी मैं सिर्फ लंगोटे आला सूं,
भांग रगड़ के पिया करूं मैं कुण्डी सोटे आला सूं-टेक
लेखक-कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम सांगी पाणची वाले!
साहिल कौशिक,
ईमेल-sahilkshk6@gmail.com
मोब-+919813610612
लेखक-कवि शिरोमणि पंडित मांगे राम सांगी पाणची वाले!
साहिल कौशिक,
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